भारत में श्रमिकों की Shortage: L&T के CMD SN Subrahmanyam ने कल्याणकारी योजनाओं के कारण उच्च Labor Attrition Rate पर जताई गहरी चिंता

“भारत में श्रमिकों की कमी: L&T के CMD सुब्रह्मण्यम ने कल्याणकारी योजनाओं के कारण उच्च श्रमिक असंतोष दर पर जताई गहरी चिंता”

“भारत में श्रमिकों की कमी: L&T के CMD सुब्रह्मण्यम ने कल्याणकारी योजनाओं के कारण उच्च श्रमिक असंतोष दर पर जताई गहरी चिंता”

भारत के प्रमुख इंफ्रास्ट्रक्चर और कंस्ट्रक्शन कंपनी लार्सन एंड टुब्रो (L&T) के चेयरमैन और मैनेजिंग डायरेक्टर SN Subrahmanyam ने हाल ही में एक चौंकाने वाला खुलासा किया है। उन्होंने बताया कि भारत में श्रमिकों की असंतोष दर (Attrition Rate) इतनी अधिक है कि कंपनी को हर साल लाखों श्रमिकों को नियुक्त करना पड़ता है। यह समस्या देश के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास और राष्ट्र निर्माण के लिए एक बड़ी चुनौती बनती

SN Subrahmanyam
भारत में श्रमिकों की कमी: L&T के CMD SN Subrahmanyan ने Government Welfare Schemes के कारण उच्च श्रमिक Attrition Rate पर जताई चिंता

कल्याणकारी योजनाओं का प्रभाव |Government Welfare Schemes

SN Subrahmanyam ने CII साउथ ग्लोबल लिंकेजेज समिट में अपने संबोधन में कहा कि सरकारी कल्याणकारी योजनाएं (Government Welfare Schemes) जैसे जन धन योजना (Jan Dhan Yojana)गरीब कल्याण योजना (Garib Kalyan Yojana), और मनरेगा (MGNREGA) के कारण श्रमिक अब ग्रामीण इलाकों से शहरों की ओर पलायन करने में रुचि नहीं दिखा रहे हैं। उन्होंने कहा, “लोगों को अब ग्रामीण क्षेत्रों में ही सुविधाएं मिल रही हैं, जिसके कारण वे काम के लिए दूसरे शहरों में जाने से कतरा रहे हैं।”

उन्होंने आगे बताया कि L&T को हर साल 4 लाख श्रमिकों (4 Lakh Laborers) को नियुक्त करने की आवश्यकता होती है, लेकिन असंतोष दर (Attrition Rate) इतनी अधिक है कि कंपनी को हर साल लगभग 6 मिलियन लोगों (6 Million People) को काम पर रखना पड़ता है। यह स्थिति कंपनी के लिए एक बड़ी चुनौती बन गई है।

श्रमिकों की अनिच्छा: एक नई समस्या

SN Subrahmanyam ने यह भी बताया कि न केवल श्रमिक, बल्कि इंजीनियर्स (Engineers) और अन्य प्रोफेशनल्स (Professionals) भी नौकरी के लिए दूसरे शहरों में जाने से कतरा रहे हैं। उन्होंने कहा, “पहले कर्मचारी काम के लिए कहीं भी जाने के लिए तैयार रहते थे, लेकिन अब यह रुझान बदल गया है। लोगों की प्राथमिकताएं बदल गई हैं, और यह इंडस्ट्री (Industry) के लिए एक बड़ी समस्या बन गई है।”

इस समस्या से निपटने के लिए L&T ने एक नया HR डिपार्टमेंट (HR Department) बनाया है, जो विशेष रूप से श्रमिकों की भर्ती और प्रबंधन के लिए काम करता है। सुब्रह्मण्यम ने कहा, “हमने श्रमिकों के लिए एक अलग HR टीम बनाई है, जो उनकी जरूरतों और समस्याओं को समझती है। लेकिन फिर भी, लोगों को काम के लिए आकर्षित करना मुश्किल हो रहा है।”

SN Subrahmanyam के 90 घंटे काम करने की सलाह पर विवाद |90 Hours Per Week

पिछले महीने, SN Subrahmanyam एक विवाद में भी घिर गए थे, जब उनकी एक वीडियो वायरल हुई, जिसमें वह कर्मचारियों से 90 घंटे प्रति सप्ताह (90 Hours Per Week) काम करने की अपील कर रहे थे। उन्होंने कहा था, “मैं चाहता हूं कि आप रविवार को भी काम करें। घर पर बैठकर आप कब तक अपनी पत्नी को देखते रहेंगे? ऑफिस आओ और काम करो।”

हालांकि, बाद में कंपनी ने स्पष्ट किया कि उनके बयान को गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए और उन्हें गलत तरीके से प्रस्तुत किया गया था।

भविष्य की चुनौतियां

SN Subrahmanyam के अनुसार, भारत में श्रमिकों की कमी (Labour Shortage) और असंतोष दर (Attrition Rate) की समस्या देश के इंफ्रास्ट्रक्चर विकास (Infrastructure Development) के लिए एक बड़ी बाधा है। उन्होंने कहा कि सरकार और उद्योगों को मिलकर इस समस्या का समाधान ढूंढना होगा।

उन्होंने यह भी सुझाव दिया कि लचीली HR नीतियां (Flexible HR Policies) और कर्मचारी कल्याण योजनाएं (Employee Welfare Schemes) इस समस्या को कम करने में मददगार साबित हो सकती हैं।

निष्कर्ष

भारत में श्रमिकों की कमी और उच्च असंतोष दर की समस्या न केवल L&T, बल्कि पूरे कंस्ट्रक्शन इंडस्ट्री (Construction Industry) के लिए एक बड़ी चुनौती है। सरकार और उद्योगों को मिलकर इस समस्या का समाधान ढूंढना होगा, ताकि देश का इंफ्रास्ट्रक्चर विकास बिना किसी रुकावट के जारी रह सके।

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