भारतीय उद्योग जगत में SN Subrahmanyam का नाम एक ऐसे नेता के रूप में उभरा है, जिन्होंने न केवल Larsen & Toubro (L&T) जैसे विशालकाय संगठन को नई ऊँचाइयों पर पहुँचाया, बल्कि उन्होंने नेशनल सेफ्टी काउंसिल (NSC) और क्लाइमेट फाइनेंस लीडरशिप इनिशिएटिव (CFLI) जैसे महत्वपूर्ण पदों पर भी अपनी छाप छोड़ी है। आइए जानते हैं इस विजनरी लीडर की प्रेरणादायक यात्रा के बारे में, जो न केवल उद्योग जगत में बल्कि समाज में भी बदलाव लाने के लिए प्रतिबद्ध हैं।

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SN Subrahmanyam की प्रारंभिक जीवन और शिक्षा
SN Subrahmanyam का जन्म 16 मार्च 1960 को चेन्नई, तमिलनाडु में हुआ। उनके पिता, एस. एस. नारायणन, भारतीय रेलवे में जनरल मैनेजर थे। सुब्रह्मण्यम ने अपनी स्कूली शिक्षा विद्या मंदिर सीनियर सेकेंडरी स्कूल, मायलापुर से पूरी की और 1982 में राष्ट्रीय प्रौद्योगिकी संस्थान (NIT), कुरुक्षेत्र से सिविल इंजीनियरिंग में स्नातक की डिग्री प्राप्त की। इसके बाद उन्होंने सिम्बायोसिस इंस्टीट्यूट ऑफ बिजनेस मैनेजमेंट, पुणे से एमबीए किया और लंदन बिजनेस स्कूल से एक्जीक्यूटिव मैनेजमेंट प्रोग्राम पूरा किया।
SN Subrahmanyam की करियर की शुरुआत और L&T के साथ यात्रा
सुब्रह्मण्यम ने 1984 में Larsen & Toubro (L&T) के ECC डिवीजन में काम करना शुरू किया। यहाँ उन्होंने चेयूर रामास्वामी रामकृष्णन, ए. रामकृष्ण और के. वी. रंगास्वामी जैसे दिग्गजों के साथ काम करके अपने कौशल को निखारा। 2011 में उन्हें L&T के बोर्ड में पूर्णकालिक निदेशक नियुक्त किया गया और 2015 में उन्हें डिप्यूटी मैनेजिंग डायरेक्टर और प्रेसिडेंट का पद दिया गया। 2017 में उन्हें मुख्य कार्यकारी अधिकारी (CEO) और प्रबंध निदेशक (MD) की जिम्मेदारी सौंपी गई। 1 अक्टूबर 2023 से वे L&T के चेयरमैन और प्रबंध निदेशक के रूप में कार्यरत हैं।
SN Subrahmanyam की उपलब्धियाँ और पुरस्कार
एस. एन. सुब्रह्मण्यम को उनके उत्कृष्ट नेतृत्व और योगदान के लिए कई पुरस्कारों से सम्मानित किया गया है। 2023 में उन्हें कंस्ट्रक्शन वीक की पावर 100 लिस्ट में 8वाँ स्थान मिला। 2022 में उन्हें फॉर्च्यून इंडिया द्वारा इन्फ्रास्ट्रक्चर सेक्टर में बेस्ट CEO और BT-PwC इंडिया’स बेस्ट CEOs रैंकिंग में इन्फ्रास्ट्रक्चर एंड इंजीनियरिंग कैटेगरी में शीर्ष स्थान प्राप्त हुआ। इसके अलावा, उन्हें 2019 में CNBC-आवाज़ द्वारा CEO ऑफ द ईयर (प्राइवेट) और IIM-JRD टाटा अवार्ड से भी सम्मानित किया गया।
नेशनल सेफ्टी काउंसिल और अन्य भूमिकाएँ
फरवरी 2021 में, सुब्रह्मण्यम को नेशनल सेफ्टी काउंसिल (NSC) का चेयरमैन नियुक्त किया गया। यह पद उन्हें श्रम और रोजगार मंत्रालय द्वारा तीन साल के लिए दिया गया। इसके अलावा, वे क्लाइमेट फाइनेंस लीडरशिप इनिशिएटिव (CFLI) इंडिया के संस्थापक सदस्यों में से एक हैं, जो जलवायु परिवर्तन से निपटने के लिए वित्तीय समाधानों पर काम करता है।
विवाद और आलोचना

हालाँकि, SN Subrahmanyam का करियर विवादों से अछूता नहीं रहा। जनवरी 2025 में, उनके एक वीडियो ने सोशल मीडिया पर तूफान ला दिया, जिसमें उन्होंने कर्मचारियों से 90-घंटे का वर्कवीक अपनाने का आग्रह किया। उनके इस बयान की कई प्रमुख हस्तियों ने आलोचना की, जिसमें हर्ष गोयनका, दीपिका पादुकोण, और आनंद महिंद्रा शामिल थे। हालाँकि, L&T के प्रवक्ता ने इसे एक असाधारण प्रयास का आह्वान बताया, जो भारत की प्रगति के लिए आवश्यक है।
निष्कर्ष
SN Subrahmanyam की कहानी न केवल एक सफल उद्योगपति की कहानी है, बल्कि यह एक ऐसे नेता की कहानी है, जो अपने संगठन और देश को नई ऊँचाइयों पर ले जाने के लिए प्रतिबद्ध है। उनका जीवन और करियर युवाओं के लिए एक प्रेरणा है, जो साबित करता है कि मेहनत, दृढ़ संकल्प और विजन के साथ कुछ भी हासिल किया जा सकता है।
संबंधित लिंक:
Larsen & Toubro आधिकारिक वेबसाइट
नेशनल सेफ्टी काउंसिल
क्लाइमेट फाइनेंस लीडरशिप इनिशिएटिव
इस लेख को पढ़कर आपको एस. एन. सुब्रह्मण्यम के जीवन और उनके योगदान के बारे में गहरी जानकारी मिली होगी। यदि आपको यह लेख पसंद आया हो, तो इसे अपने दोस्तों और सहकर्मियों के साथ साझा करें।
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